अजा एकादशी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के दौरान मनाई जाती है; यह भगवान विष्णु को समर्पित एक महत्वपूर्ण उपवास दिवस है। माना जाता है कि यह व्रत धन, सुख और समृद्धि प्रदान करता है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति खोया हुआ धन और सम्मान वापस पा सकता है, मानसिक शांति प्राप्त कर सकता है और अंततः मोक्ष (मोक्ष) प्राप्त कर सकता है। अजा एकादशी को अक्सर अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर माना जाता है, यह एक अत्यंत प्रतिष्ठित वैदिक अनुष्ठान है जो सभी सांसारिक इच्छाओं को पूरा करने और दैवीय आशीर्वाद प्रदान करने वाला माना जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 29 अगस्त 2024 को 1:19 बजे शुरू होगी और 30 अगस्त 2024 को 1:37 बजे समाप्त होगी।
अजा एकादशी व्रत का पारण (व्रत पारण) 30 अगस्त 2024 को सुबह 7:49 बजे से 8:40 बजे के बीच होगा। हरि वासर काल, जो उपवास अवधि के अंत का प्रतीक है, इस दिन सुबह 7:49 बजे समाप्त होगा।
माना जाता है कि अजा एकादशी का व्रत करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल मिलता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, अश्वमेध यज्ञ एक पवित्र अनुष्ठान है जो देवताओं को प्रसन्न करता है, जो भक्त की इच्छाओं को पूरा करते हैं और उन्हें समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। ,इसलिए, अजा एकादशी व्रत को भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का एक शक्तिशाली तरीका माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से धन की देवी देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं।
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